Share Market Update: पिछले हफ्ते लगातार गिरावट के बाद इस सप्ताह शेयर बाजार में तेजी का दौर देखा जा रहा है. इंडियन स्टॉक मार्केट मंगलवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी के साथ बंद हुआ. 18 मार्च को सेंसेक्स 1131 अंक चढ़कर 75,301 अंक पर बंद हुआ. दो दिन में ही बीएसई सेंसेक्स 1472 प्वाइंट चढ़ गया है. एनएसई का निफ्टी भी मंगलवार को 325.55 अंक चढ़कर 22,834 प्वाइंट पर पहुंच गया. दो दिन में इस प्रमुख सूचकांक में 435 अंक से ज्यादा का उछाल आया है. इक्विटी मार्केट में उठा-पटक के बीच कई निवेशक कंफ्यूजन में हैं. किसी तरह का साफ संकेत नहीं है कि बाजार में अस्थिरता का माहौल कब तक रहेगा.
फरवरी में म्यूचुअल फंड से 10 लाख करोड़ निकाले
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह सामने आया है कि इसलिए म्यूचुअल फंड निवेशक ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं. यानी निवेशक एक झुंड वाली मानसिकता को फॉलो कर रहे हैं. फरवरी महीने के ही आंकड़ों से ही पता चलता है कि म्यूचुअल फंड से निवेशकों ने 9.87 लाख करोड़ रुपये के फंड को कैश कर लिया है. इसके अलावा जुटाए गए कुल फंड में भी गिरावट आई है. यह गिरकर 10.27 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो कि जनवरी के महीने में 12.17 लाख करोड़ रुपये था. इससे यह साफ है कि निवेशक अस्थिर समय में सुरक्षित माने जाने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन पर फोकस कर रहे हैं.
हाइब्रिड फंड की तरफ निवेशकों का रुझान एम्फी (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार फरवरी में हाइब्रिड फंड की कैटेगरी में 28,461 करोड़ रुपये जुटाए. निकासी में कमी आई है, जो कि इस साल जनवरी में 26,202 करोड़ रुपये से घटकर फरवरी में 21,657 करोड़ रुपये रह गई. इस डेटा से यह साफ है कि बाजार की उठा-पटक के बीच निवेशक अस्थिर बाजार के बीच हाइब्रिड फंड में अपने निवेश को बनाए रख रहे हैं.
निवेशक क्यों कर रहे विश्वास? हाइब्रिड फंड में बढ़ते विश्वास का कारण फंड की नेचर है. उतार-चढ़ाव भरे बाजार में निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड सबसे सुरक्षित माना जाता है. दरअसल, इस फंड में इक्विटी, डेट और कमोडिटीज का मिला जुला पोर्टफोलियो होता है. यही कारण है इसमें रिस्क कम होता है और निवेशको बाजार में गिरावट के बावजूद अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. उदाहरण के लिए निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट जैसे फंड, जो इक्विटी, डेट और कमोडिटीज में निश्चित राशि का अलोकेशन करते हैं. बाजार के मौजूदा हालात में ये निवेश का अच्छा विकल्प हो सकते हैं. यह फंड गोल्ड में भी निवेश करते हैं, जो पिछले कुछ समय से नए रिकॉर्ड बना रहा है.
ये फंड भी दे रहे पॉजिटिव रिटर्न निप्पॉन इंडिया के अलावा सैमको, एडलवाइस, इनवेस्को और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के हाइब्रिड फंड भी पॉजिटिव रिटर्न दे रहे हैं. निवेशकों को रिटर्न के मामले में हाइब्रिड फंड आगे हैं. अगर आप एक साल के रिटर्न को देखें तो हाइब्रिड फंड करीब डबल डिजिट के साथ सबसे आगे है. बाजार के जानकारों का मानना है कि वित्तीय अनिश्चितताओं के दौर में सही एसेट एलोकेशन निवेशकों को फायदा देता है.
क्या है हाइब्रिड फंड? हाइब्रिड फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड की तरह होता है, जो अलग-अलग तरह के एसेट में निवेश करता है. इनमें इक्विटी के अलावा डेट प्रोडक्ट, गोल्ड, रियल एस्टेट, आईटी और फार्मा आदि सेक्टर भी निवेश किया जाता है. आसान भाषा में आप यह भी कह सकते हैं कि हाइब्रिड फंड निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद करता है.
(डिस्क्लेमर: यहां पर दिये गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं. इनसे जी न्यूज का कोई संबंध नहीं है. किसी प्रकार का निवेश करने से पहले रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाजर से संपर्क करें. शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और स्थिति तेजी की बदल सकती है.)
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